अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station, ISS) एक अंतरिक्ष स्टेशन है, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
कब बना:
ISS का निर्माण 1998 में शुरू हुआ और इसे विभिन्न चरणों में बनाया गया। इसे पूरी तरह से तैयार होने में कई साल लगे और यह परियोजना अभी भी विकसित हो रही है।
किसने बनाया:
ISS को कई देशों के अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग से बनाया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से NASA (अमेरिका), Roscosmos (रूस), JAXA (जापान), ESA (यूरोपियन स्पेस एजेंसी) और CSA (कनाडा) शामिल हैं।
क्यों बनाया:
ISS का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान करना है। यह स्टेशन वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के माहौल में भौतिकी, खगोलविज्ञान, जीवविज्ञान, और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने और काम करने के अनुभव को समझने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है, जो भविष्य में मंगल और अन्य ग्रहों पर मानव मिशनों की तैयारी में सहायक होगा।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) Iss ke sabhi part ke bare me
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक विशाल संरचना है, जिसमें कई प्रमुख मॉड्यूल और घटक शामिल हैं। यहाँ ISS के कुछ प्रमुख हिस्सों का विवरण दिया गया है:
1. मॉड्यूल
ज़ार्या (Zarya)
- पहला मॉड्यूल जो 1998 में लॉन्च किया गया।
- इसे रूस ने बनाया और यह विद्युत शक्ति, भंडारण, और प्रोपल्शन प्रदान करता है।
यूनिटी (Unity)
- 1998 में लॉन्च किया गया।
- इसे NASA ने बनाया और यह अमेरिकी और रूसी मॉड्यूलों को जोड़ता है।
ज़्वेज़्दा (Zvezda)
- 2000 में लॉन्च किया गया।
- यह रहने के लिए मुख्य मॉड्यूल है और इसमें क्रू के रहने, काम करने और जीवन समर्थन के सिस्टम हैं।
डेस्टिनी (Destiny)
- 2001 में लॉन्च किया गया।
- यह एक अमेरिकी लैब मॉड्यूल है, जहाँ वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाता है।
कोलंबस (Columbus)
- 2008 में लॉन्च किया गया।
- यह यूरोपियन स्पेस एजेंसी का प्रयोगात्मक लैब मॉड्यूल है।
किबो (Kibo)
- 2008 में लॉन्च किया गया।
- यह जापान का सबसे बड़ा प्रयोगात्मक मॉड्यूल है, जिसमें एक प्रेशराइज्ड मॉड्यूल, एक एक्सपोज़ड फैसेलिटी, और एक लॉजिस्टिक्स मॉड्यूल शामिल हैं।
2. ट्रस (Truss) और सोलर एरे (Solar Arrays)
- ट्रस संरचना ISS को स्थायित्व प्रदान करती है और इसमें सोलर पैनल जुड़े होते हैं।
- सोलर पैनल से विद्युत शक्ति उत्पन्न होती है, जो ISS के विभिन्न सिस्टमों को ऊर्जा प्रदान करती है।
3. डॉकिंग पोर्ट्स और हब्स
हार्मनी (Harmony)
- यह एक अमेरिकी मॉड्यूल है, जो विभिन्न लैब मॉड्यूलों को जोड़ता है और डॉकिंग पोर्ट्स प्रदान करता है।
नाउका (Nauka)
- 2021 में लॉन्च किया गया।
- यह एक रूसी लैब मॉड्यूल है, जिसमें अनुसंधान और क्रू के लिए सुविधाएं हैं।
4. रोबोटिक आर्म्स
कनाडार्म2 (Canadarm2)
- यह एक रोबोटिक आर्म है, जिसे कनाडा ने बनाया।
- इसका उपयोग मॉड्यूल को स्थानांतरित करने, मरम्मत कार्यों और क्रू के साथ सहयोग के लिए किया जाता है।
यूरोपियन रोबोटिक आर्म (ERA)
- इसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने बनाया।
- यह ISS के रूसी हिस्से में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
5. हेमान सर्पोट सिस्टम्स (Human Support Systems)
- ISS में क्रू के लिए जीवन समर्थन प्रणाली, जिसमें हवा, पानी, और भोजन शामिल है।
- इसके अलावा, इसमें स्वास्थ्य निगरानी, व्यायाम उपकरण, और आराम के लिए सुविधाएं भी हैं।
ये सभी हिस्से मिलकर ISS को एक व्यापक और प्रभावशाली विज्ञान और अनुसंधान केंद्र बनाते हैं, जो पृथ्वी के बाहर मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) Iss me ab tak kul kitne astronaut ja chuke hai
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अब तक कई देशों के सैकड़ों अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं। 2024 तक, ISS पर 260 से अधिक अंतरिक्ष यात्री और पर्यवेक्षक मिशन कर चुके हैं। इन अंतरिक्ष यात्रियों में विभिन्न राष्ट्रीयताओं के लोग शामिल हैं, जैसे:
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- रूस
- जापान
- कनाडा
- यूरोप के विभिन्न देश
प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री ने विज्ञान, अनुसंधान, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये मिशन अक्सर छह महीने से लेकर एक वर्ष तक की अवधि के होते हैं, और अंतरिक्ष यात्री विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं और मेंटेनेंस कार्यों में संलग्न होते हैं।
Antariksh me gye sabhi desho ke antariksh yatriyon ki list
नीचे सभी देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की एक सूची तालिका के रूप में दी गई है। यह सूची उन देशों को शामिल करती है जिनके नागरिक अंतरिक्ष में गए हैं:
क्रम संख्या | देश | अंतरिक्ष यात्री |
---|---|---|
1 | रूस (सोवियत संघ) | यूरी गागरिन, गेहरमन टीटोव, वेलेंटीना तेरेश्कोवा, अलेक्सी लियोनोव, व्लादिमीर कोमारोव, आदि |
2 | संयुक्त राज्य अमेरिका | नील आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन, जॉन ग्लेन, सैली राइड, क्रिस हेडफील्ड, आदि |
3 | चीन | यांग लिवेई, जिंग हैपेंग, चेन डोंग, लियू बामिंग, आदि |
4 | भारत | राकेश शर्मा, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, सरिशा बांदला, आदि |
5 | जापान | तोयोहिरो अकियामा, ममोरू मोहरी, कोइची वकाता, नाओको यामाज़ाकी, आदि |
6 | कनाडा | मार्क गर्नो, रॉबर्ट थिर्स्क, जूली पायेट, डेविड सेंट-जैक्स, आदि |
7 | फ्रांस | जीन-लुक क्रेटिएन, क्लॉड निकोलिएर, लियोपोल्ड एहरहार्ट, थॉमस पेस्केट, आदि |
8 | जर्मनी | सिगमंड जेन, थॉमस राइटर, अलेक्जेंडर गेस्ट, रीन्होल्ड एवाल्ड, आदि |
9 | इटली | फ्रांको मालेरबा, उम्बेर्टो गुइडोनी, पाओलो नेस्पोली, सामंथा क्रिस्टोफोरेटी, आदि |
10 | यूनाइटेड किंगडम | हेलेन शर्मन, टिम पीक |
11 | दक्षिण कोरिया | यी सो-योन |
12 | मलेशिया | शेख मुज़फ्फर शुकुर |
13 | यूएई | हज्जा अल मंसूरी |
14 | कज़ाखस्तान | ऐदिन ऐमबेटोव |
15 | सऊदी अरब | सुल्तान बिन सलमान अल सऊद |
16 | नीदरलैंड | वुब्बो ओकेल्स |
17 | बेल्जियम | दिर्क फ्रिमाउट |
18 | ब्राजील | मार्को पोंटेस |
19 | मेक्सिको | रोडोल्फो नेरी वेला |
20 | दक्षिण अफ्रीका | मार्क शटलवर्थ |
यह तालिका अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की एक व्यापक सूची नहीं है, लेकिन इसमें प्रमुख अंतरिक्ष यात्रियों को शामिल किया गया है जिन्होंने अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व किया है। विभिन्न देशों ने अलग-अलग समय पर और अलग-अलग मिशनों में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा है।
अंतरिक्ष में स्थापित सभी अब तक के अंतरिक्ष स्टेशनाे सूची देश, स्थापना वर्ष ,लागत,वर्तमान में कार्यरत ।
यहाँ अब तक के प्रमुख अंतरिक्ष स्टेशनों की सूची उनके देश, स्थापना वर्ष, लागत, और वर्तमान स्थिति के साथ दी गई है:
प्रमुख अंतरिक्ष स्टेशन
- सैल्यूट (Salyut) श्रृंखला
- देश: सोवियत संघ
- स्थापना वर्ष: 1971 – 1986
- लागत: विविध (कई मिशनों में विभाजित)
- वर्तमान स्थिति: सभी सैल्यूट स्टेशनों का मिशन पूरा हो चुका है और वे पृथ्वी पर गिर चुके हैं।
- स्काईलैब (Skylab)
- देश: संयुक्त राज्य अमेरिका
- स्थापना वर्ष: 1973
- लागत: लगभग $2.2 बिलियन (1970 के दशक के डॉलर में)
- वर्तमान स्थिति: 1979 में वायुमंडल में पुनः प्रवेश के बाद नष्ट हो गया।
- मीर (Mir)
- देश: सोवियत संघ/रूस
- स्थापना वर्ष: 1986
- लागत: लगभग $4.2 बिलियन
- वर्तमान स्थिति: 2001 में प्रशांत महासागर में नियंत्रित री-एंट्री के बाद नष्ट हो गया।
- इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)
- देश: संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान, कनाडा (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग)
- स्थापना वर्ष: 1998 (पहला मॉड्यूल लॉन्च)
- लागत: लगभग $150 बिलियन
- वर्तमान स्थिति: सक्रिय और संचालन में। यह अभी भी मानवता का प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र है।
- तियांगोंग-1 (Tiangong-1)
- देश: चीन
- स्थापना वर्ष: 2011
- लागत: अनुमानित $1.3 बिलियन
- वर्तमान स्थिति: 2018 में पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के बाद नष्ट हो गया।
- तियांगोंग-2 (Tiangong-2)
- देश: चीन
- स्थापना वर्ष: 2016
- लागत: अनुमानित $1.3 बिलियन
- वर्तमान स्थिति: 2019 में नियंत्रित री-एंट्री के बाद नष्ट हो गया।
- तियांगोंग (Tiangong) या चीनी स्पेस स्टेशन (CSS)
- देश: चीन
- स्थापना वर्ष: 2021 (पहला मॉड्यूल लॉन्च)
- लागत: अनुमानित $8 बिलियन
- वर्तमान स्थिति: सक्रिय और संचालन में। चीन का नया स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन।
निष्कर्ष
इन अंतरिक्ष स्टेशनों ने मानवता के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक अनुसंधान, और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अंतरिक्ष स्टेशनों की यह यात्रा मानवता के लिए अंतरिक्ष में दीर्घकालिक उपस्थिति और गहन वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) और चीनी स्पेस स्टेशन (तियांगोंग) वर्तमान में सक्रिय और महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य कर रहे हैं।